पूर्वाचल के मालवीय जनपद सुलतानपुर के कर्मठ, अध्यवसायी, समाज तथा शिक्षा सेवी ब्रह्मलीन कर्मयोगी पं0 राम किशोर त्रिपाठी के भागीरथी प्रयास से इस महाविद्यालय की स्थापना मानस चतुश्शती के पावन पर्व पर वर्ष 1973 ई0 में ’सर्व जनहिताय, सर्व जनसुखाय’ हेतु हुई थी। महाविद्यालय लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर तहसील मुख्यालय कादीपुर में स्थित है। स्नातक स्तर पर मात्र छः विषयों से प्रारम्भ किये गये इस महाविद्यालय में सम्प्रति कला संकाय में स्नातक स्तर पर 15, परास्नातक स्तर पर 11 विषयों तथा बी0एस0सी0, एम0एससी0, बी0काम0, एम0कॉम0 बी0एड्0, एम0एड्0, एवं बी0पी0एड्0, का अध्यापन कार्य हो रहा है। महाविद्यालय नकल विहीन परीक्षा, उत्तम परीक्षाफल, कठोर अनुशासन तथा लब्ध प्रतिष्ठ शैक्षणिक गतिविधियों के लिये पूर्वाचल एवं अवध क्षेत्र में अग्रणी है। त्याग, समर्पण, दूरदर्शिता, कर्मशीलता एवं शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिये समर्पित एवं संकल्पित कर्मयोगी पं0 राम किशोर त्रिपाठी के स्तुत्य प्रयासों की ही परिणित है कि यह संस्था आज शैक्षणिक विकास के साथ-साथ विद्यार्थियों के बहुमुखी विकास की दिशा में नित नये अध्याय लिख रही है। ब्रह्मलीन पं0 राम किशोर त्रिपाठी जी की कालजयी एवं प्रेरणाप्रद शाश्वत प्रयासों से यह महाविद्यालय आज उत्कर्ष पर है।
महाविद्यालय परिसर को विविध समारोहों एवं आयोजनों में अपनी गरिमामयी उपस्थिति तथा वाग्मिता द्वारा पद्मश्री डॉ0 विद्या निवास मिश्र, डॉ0 योगेन्द्र नारायण, प्रमुख सचिव, उ0प्र0 शासन, पं0श्रीपति मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री उ0प्र0शासन, डॉ0 नरेन्द्र कुमार सिंह ’गौर,’ पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उ0प्र0शासन, डॉ0 विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, डॉ0 सूर्य प्रकाश दीक्षित, प्रो0 दूधनाथ चतुर्वेदी, प्रो0 गिरीश चन्द्र त्रिपाठी,कुलपति, बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय वाराणसी, प्रो0 मोहम्मद मुजम्मिल, रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, डॉ0 चौथीराम यादव, डॉ0 राजनाथ सिंह ’सूर्य’, श्री माता प्रसाद पाण्डेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उ0प्र0शासन, प्रो0 हिमांशु चतुर्वेदी गोरखपुर विश्वविद्यालय, प्रो0 महेश शरन, बोध गया, प्रो0 आनन्द शंकर सिंह, प्रयागराज, वेन रवि मेघांकर, जापान प्रभृति मनीषियों ने धन्य किया है। ग्रामीणांचल के शैक्षणिक कीर्तिध्वज की संज्ञा से अभिहित यह महाविद्यालय अपने संस्थापना काल से लेकर अद्यतन मानव धर्म के महान प्रणेता गोस्वामी तुलसीदास जी की चौपाई -’कीरति भनिति भूति भलि सोई। सुरसरि सम सब कहॅ हित होई।।’ के अमृतोपम सन्देश को समाज में प्रसारित कर रहा है।.
• आधुनिक सुविधायुक्त कर्मयोगी पं0 राम किशोर त्रिपाठी छात्रावास का निर्माण एवं नवीनीकरण।
• समाज कल्याण विभाग द्वारा समाज कल्याण छात्रावास का नवीनीकरण
• विज्ञान संकाय की प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण।
• यू0जी0सी0 द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठियों एवं सेमिनार का आयोजन।
• राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के नोडल केन्द्र की स्थापना।
• डॉ0रा0म0लो0अ0वि0वि0 द्वारा निर्धारित महाविद्यालयों का बैक पेपर परीक्षा केन्द्र।
• डॉ0रा0म0लो0अ0वि0वि0 द्वारा निर्धारित महाविद्यालयों का नोडल संकलन केन्द्र।
• डॉ0रा0म0लो0अ0वि0वि0 द्वारा निर्धारित महाविद्यालयों का बी0एड्0, एम0एड्0, एल0एल0बी0, बी0सी0ए0, बी0बी0ए0,बी0पी0एड्0 का परीक्षा केन्द्र।
• महाविद्यालय के सम्पूर्ण परिसर का अभिनवीकरण।
• परास्नातक के सात विषयों के अतिरिक्त सेक्शन संचालित।
• नवीन कम्प्यूटर लैब स्थापित।
• कर्मयोगी पं0 राम किशोर त्रिपाठी वाटिका की स्थापना।
• सुरम्य एवं सुविस्तृत क्रीडा परिसर।
• विभागों का उच्च स्तरीय नवीनीकरण।
• एच0आर0डी0 सेमिनार।
• पुस्तकालय का विस्तार एवं उच्चीकरण।
• शत-प्रतिशत छात्र-छात्रों का छात्रवृत्ति सुविधा का प्रयास।
• सम्पूर्ण परिसर सी0सी0टी0वी0 कैमरे से आच्छादित।
• सम्पूर्ण परिसर चहरदीवारी युक्त एंव वाई0फाई0 जोन से संचालित ।
• कोविड काल में ऑनलाइन संगोष्ठी/वर्कशाप का आयोजन।
• महाविद्यालय अपने छात्रों के कौशल विकास की अभिवृद्धि के लिए प्रयासरत।
• महाविद्यालय अपने पठन-पाठन के द्वारा अपने अध्ययनरत सभी छात्रों को समाजोपयोगी बनाने की दिशा में प्रयासरत।